Operation Sindoor: जाने ऑपरेशन सिंदूर की क्या है कहानी ? क्यों दिया इसको ऑपरेशन सिंदूर नाम

भारत के इतिहास में कई ऐसे सैन्य और सुरक्षा अभियान हुए हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें से एक रहस्यमय नाम है “Operation Sindoor” | क्या आप जानते हैं कि यह ऑपरेशन सिंदूर आखिर है क्या? इसकी कहानी क्या है और क्यों इस अभियान को ‘सिंदूर’ जैसा रंगीन नाम दिया गया? इस लेख में हम गहराई से जानेंगे Operation Sindoor की अनकही कहानी, इसके उद्देश्यों और इसके पीछे के कारणों को। अगर आप “ऑपरेशन सिन्दूर “ के बारे में जानने में दिचस्पी रखते है तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

Operation Sindoor

Operation Sindoor, भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा 6-7 मई, 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में किए गए एक सैन्य हवाई अभियान का कोडनेम है। भारत ने इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाना बताया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

भारत ने इस हमले का आरोप पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन The Resistance Front (TRF) पर लगाया था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नष्ट करना था। भारत का कहना है कि इन ठिकानों का इस्तेमाल भारत में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जा रहा था।  

ऑपरेशन सिंदूर की क्या है कहानी ?

ऑपरेशन सिंदूर की कहानी 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक दर्दनाक आतंकवादी हमले के बाद शुरू होती है। इस कायराना हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। इस बर्बरतापूर्ण कृत्य ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और सरकार पर आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भारी दबाव था।

खुफिया एजेंसियों ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन Lashkar-e-Taiba (LeT) से जुड़े एक समूह ‘The Resistance Front’ (TRF) का हाथ बताया था। जांच में यह भी सामने आया कि इस हमले की योजना पाकिस्तान में ही रची गई थी और आतंकवादियों को सीमा पार से निर्देश मिल रहे थे।

इस पृष्ठभूमि में, भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और स्पष्ट संदेश देने का फैसला किया और इसी के परिणामस्वरूप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की योजना बनाई गई। इस ऑपरेशन का उद्देश्य न केवल पहलगाम हमले का बदला लेना था, बल्कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त करना और भविष्य में होने वाले ऐसे हमलों को रोकना भी था।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य

Operation Sindoor

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Operation Sindoor in Hindi: सायरन के अलग-अलग प्रकार होते हैं

सायरन बजने के तरीके से यह समझा जा सकता है कि खतरे की स्थिति क्या है. यदि लगातार एक मिनट तक तेज आवाज में सायरन बजे, तो यह प्राथमिक चेतावनी होती है, यानी खतरा आ सकता है, सतर्क हो जाएं.  यदि सायरन रुक-रुक कर टुकड़ों में बजे, तो यह गंभीर चेतावनी मानी जाती है, यानी खतरा बहुत पास है, तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं. और जब सायरन की आवाज धीमी होते-होते खत्म हो जाए, तो समझिए कि खतरा टल चुका है |

निष्कर्ष

संक्षेप में यह कहा जाये , Operation Sindoor (ऑपरेशन सिंदूर) सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक था। पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण हमले के जवाब में उठाया गया यह कदम, न केवल आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए था, बल्कि सीमा पार पल रहे आतंकी ढांचों को भी स्पष्ट संदेश देने के लिए था कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

‘सिंदूर’ जैसे नाम के पीछे की वजह चाहे जो भी रही हो, इस ऑपरेशन ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा। यह हमें याद दिलाता है कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारे सुरक्षा बल हमेशा तत्पर हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। ऑपरेशन सिंदूर की कहानी बहादुरी, दृढ़ संकल्प और न्याय की खोज की एक प्रेरणादायक गाथा है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती रहेगी।


 

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